कांकेरपखांजुर

पखांजुर/ स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने नौ सूत्री मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन।

स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने नौ सूत्री मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन।

पखांजुर/ ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने प्रदेश स्वास्थ्य सचिव, संचालक और मिशन संचालक के नाम नौ सूत्री मांगों को लेकर खंड चिकित्सा अधिकारी कोयलीबेड़ा पखांजुर कार्यालय में खण्ड चिकित्सा अधिकारी का अनुपस्थिति में लेखापाल के हाथो ज्ञापन सौंपा। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि आरएचओ संवर्ग से मूल कार्यों के अतिरिक्त तकनीकी रूप से जटिल ऑनलाइन डाटा एंट्री और रिपोर्टिंग जैसे कार्य करवाए जा रहे हैं, जबकि इसके लिए आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। ज्ञापन सौंपते हुए ब्लॉक अध्यक्ष बी.एल.कुलदीप, सचिव भागिरथी यादव, कोषाध्यक्ष बिबेक बाड़़ाई आदि ने कहां है की हमारे तमाम कार्य ऑनलाइन करने हेतु पीएडीए आपरेटर कि नियूक्ति किया गया है। उनसे सम्पूर्ण कार्य ले और हमे हमारे स्वास्थ्य सेवा कार्य करने में शासन सहयोग करे ।जिस कार्य में हम सक्षम नहीं उस कार्य को करने के लिए मानसिक दबाव दिया जाता है । विभागों में ही अन्य कैडर के लिए यह कार्य डाटा एंट्री आपरेटर, जेएसए और पीएडीए जैसे तकनीकी स्टाफ से कराया जाता है। जबकि आरएचओ संवर्ग का प्रशिक्षण क्लिनिकल, नर्सिंग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर केंद्रित होता है, न कि कंप्यूटर आधारित कार्यों पर । संघ का कहना है कि आनलाइन रिपोर्टिंग के लिए विशेष प्रकार के एप, वेबसाइट और विस्तृत डेटा प्रविष्टि की आवश्यकता होती है, जिसके लिए पर्याप्त समय और संसाधन चाहिए । आरएचओ पहले से ही ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं देने, भ्रमण, रजिस्टर संधारण और कार्यक्रम क्रियान्वयन जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों में व्यस्त रहते हैं, जिससे ऑनलाइन कार्य के लिए समय निकालना असंभव है सीएचओ व आरएमए को आनलाइन कार्यों के लिए टेबलेट, लैपटॉप और भत्ता जैसे संसाधन एवं अतिरिक्त कार्य के भत्ते एवं मानदेय ऑनलाईन कार्य हेतु मोबाईल रिचार्ज 3000 रू वार्षिक 15000 रु प्रतिमाह, सप्ताह मे 1 से 2 दिन सेवा करने का 15000रू के अतिरिक्त प्रोत्साहन /मानदेय राशि आदि प्रदान किया जाता है। उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर व्यपक पद खाली है एक कर्मचारी और एक वेतन पर चार – चार कर्मचारियों की कार्य लिए जाते है स्वस्थ्य संयोजक के उपर अतिरिक्त कार्य का बोझ है इससे अतिरिक्त बोझ ढोने में असमर्थ है।जबकि आरएचओ संवर्ग को न तो संसाधन उपलब्ध हैं, न ही किसी प्रकार का अतिरिक्त भत्ता मिलता है।।संघ ने मुद्दों पर चर्चा कर समाधान निकाला जाए ताकि कर्मचारियों को अनावश्यक दबाव से मुक्ति मिले और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता बनी रहे। दीप मित्र, सुजीत पाल, मनोज नरेटी, असित मण्डल, रतन विश्वास, बाहारु राम नेताम, महेश आदि उपस्थित रहे।

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