कांकेरपखांजुर

पखांजुर/ बांग्ला भाषा की शिक्षकों की रिक्त पदों में भर्ती के मांग को लेकर सौपा ज्ञापन।

बांग्ला भाषा की शिक्षकों की रिक्त पदों में भर्ती के मांग को लेकर सौपा ज्ञापन।

पखांजुर @ bastar times/ मातृभाषा बांग्ला शिक्षा एवं संग्राम समिति छत्तीसगढ़ ने प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा बंग्लाभाषा पढ़ाने ,12 वी कक्षा तक एक विषय बांग्ला भाषा पढ़ने और बांग्ला भाषा की शिक्षकों की रिक्त पदों में शिक्षकों की भर्ती कर नियुक्ति करने के मांग पर पखांजुर अनुविभागीय अधिकारी रा. के हाथों मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, उप मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव के नाम पर ज्ञापन सौपा।आपको बता दे की वर्षों से बंग समुदाय एवं बांग्ला भाषा के चहेतों द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार से बार – बार यह मांग कर रहे है । अविभाजित मध्यप्रदेश राज्य से लेकर छत्तीसगढ़ राज्य में भी बांग्ला भाषा में पढ़ने की पुरी व्यवस्था थी।परंतु धिरे धिरे पुस्तक, शिक्षक ,पाठ्यक्रम में शिक्षा विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महत्व देते हुए ध्यान न देने से बांग्ला भाषा में शिक्षा विलुप्त के कागर पर खड़ी है।उक्त ज्वलंत मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ में विभिन्न अंचलों से मातृभाषा बांग्ला भाषा में शिक्षा की मांगे वर्तमान विधायक ,पूर्व संसद विक्रम सींह उसेंडी और अन्य संसदो द्वारा कोई बार संसदो में भी मातृभाषा बांग्ला भाषा की महत्व पर संसद का ध्यानाकर्षण किया।छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था में बांग्ला भाषा में स्कूलों पढ़ने की नीति है।परंतु छत्तीसगढ़ सरकार वर्षों से मातृभाषा बांग्ला भाषा के विषय वार शिक्षकों की नियुक्ति वैक्सीन नहीं निकल रहे है।कोई बार बांग्ला भाषा के शिक्षक छात्रों की सुची विभाग के माध्यम से संधारित किया। खण्ड शिक्षा अधिकारीओं के माध्यम से समस्त प्रकार की जानकारी लिया गया । परंतु वर्तमान दिवस तक एक भी पुस्तक छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम कि प्रकाशन में मुद्रित कर पाठ्यपुस्तक प्रकाशित न के बराबर हुआ है।न ही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया हेतु कदम उठाए गये है। अध्यक्ष अजीत मिस्त्री ,अनिमेष विश्वास,सुधिर मण्डल, दिलीप विश्वास, अभिमन्यु राय ,बिपल्ब

, ज्योत्सना अधिकारी आदि पदाधिकारी ने शासन प्रशासन से अपील किया है की विगत शिक्षा वर्ष वित चुके है पुनः नवीन शिक्षा वर्ष 2025 -2026 वार्षिक परीक्षा पश्चात लगने का समय आ रहा है। परंतु वर्तमान दिवस तक मातृभाषा बांग्ला भाषा में शिक्षा एवं शिक्षकों कि भर्ती करने की बुनियादी पुख्ता व्यवस्था नहीं हुई है। मातृभाषा बांगला एवं शिक्षा संग्राम समिति मांग कर रहे है की पहली दुसरी कक्षा से तिसरी चौथी पांचवीं एवं अन्य समस्त कक्षाओं में बंग्लाभाषा की पाठ्यक्रम, पाठ्य पुस्तक, राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम कि प्रकाशन में मुद्रित कर प्रकाशित तथा बंगला भाषा में शिक्षकों कि समस्त कक्षाओं कि रिक्त पदों में भर्ती कर शिक्षकों कि नियुक्त करें। .मातृभाषा बांग्ला भाषा एवं स्थानीय बोली भाषा की शिक्षकों कि नियुक्त किया जाए। तथा मातृभाषा बांग्ला में 134 शिक्षकों ने महिनों सेवा प्रदान कि उन्हें मातृभाषा बांग्ला शिक्षकों भर्ती की पात्रता में बोनस अंक व अग्राधिकार दिया जाए।हिन्दी और बांग्लाभाषा पुस्तक को एक साथ जोड़ने के बजाए बांग्लाभाषा की मुद्रन हिन्दी -बांग्ला अलग-अलग पुस्तकों के रूप में मुद्रित करें एवं अलग-अलग बाइंडिंग किये जाए।. महाराष्ट्र की विश्वविद्यालय के तर्ज पर छत्तीसगढ़ की विश्वविद्यालय में भी बांग्लाभाषा में स्नातक स्तर की शिक्षा प्रदाय करने की व्यावस्था किया जाए एवं बंग्ला भाषा बोर्ड गठन किये जाए। . छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के तर्ज पर मातृभाषा में शिक्षा कि आधुनिक एवं तार्किक उन्नत भाषा हेतु भाषा विशेषज्ञ कि शिक्षा मण्डल गठण किया जाए एवं भाषा मण्डल में भाषाविद् के साथ बांग्ला भाषाविदों को शामिल किये जाय।

शिक्षा प्रणाली में पास- फेल की प्रणाली व्यवस्था पुनः लागू किया जाए।. मातृभाषा एवं बांग्लाभाषा में पढ़ाने के लिए 1989 के पश्चात बांगला भाषा की खाली परें समस्त स्कूलों में बांगला भाषा की शिक्षकों कि नियुक्त तत्काल किया जाए।.प्रत्येक कक्षा की अंक सूची में एवं ऑनलाइन एट्री पोटल में मातृभाषा बांगला भाषा कि प्राप्त अंक लिखने हेतु जगह (स्थान) कि व्यवस्था किये जाए ताकि बच्चों कि मातृभाषा में प्राप्त अंक ऑनलाइन एन्ट्री हो पाये।अजीत मिस्त्री, अनिमेष विश्वास, सुधिर मण्डल, दिलीप विश्वास, अभिमन्यु राय ,बिपल्ब , ज्योत्सना अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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