भानुप्रतापपुर/ जान जोखिम में डालकर अंडर ब्रिज पार कर रहे ग्रामवासी, चौगेल अंडर ब्रिज की बदहाल स्थिति पर उठे सवाल।

भानुप्रतापपुर से श्रीदाम ढिंडी की रिपोर्ट
जान खतरे में डेमोक्रेट अंडर ब्रिज पार कर रहे ग्रामवासी, चौगेल अंडर ब्रिज की सोलोमन स्थिति पर उठो सवाल।
भानुप्रतापपुर, 24 अगस्त। ग्राम पंचायत चौगेल का रेलवे अंडर ब्रिज के लिए परेशानी का सबब बन गया है। भारी बारिश और ज्वालामुखी की कमी के कारण पुल के नीचे हमेशा पानी भरा रहता है, जिससे लोग रोजाना अपने जान जोखिम में इस मार्ग को पार करना चाहते हैं। यह ब्रिज के नीचे दिल्ली-राजहरा मार्ग से जुड़े ग्रामीण क्षेत्र को भानुप्रतापपुर से जोड़ा गया है, जहां से प्रतिदिन बड़ी संख्या में ग्रामीण अपने गिरोह के सदस्यों के लिए आते-जाते हैं।
रेलवे विभाग द्वारा पुल के नीचे लाल रंग से एक सुरक्षा चिन्ह रेखा खींची गई है, जिस पर स्पष्ट रूप से लिखा है कि यदि पानी इस रेखा से ऊपर है तो पुल पार करना सुरक्षित नहीं है। लेकिन ग्रामीण मजबूरीवश इस चेतावनी को रद्द कर अपनी जान जोखिम में डालकर इस मार्ग का उपयोग कर रहे हैं। अंडर ब्रिज की सफाई और मछली पकड़ने के अभाव में यह मार्ग अब सैकड़ा का गढ़ बन चुका है।
पौराणिक कथाओं का कहना है कि कई वर्षों से इस समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। न पंचायत ने सफाई व्यवस्था की ओर ध्यान दिया, न ही रेलवे विभाग ने पानी, सामान और सफाई व्यवस्था का प्रबंधन किया। इसमें चौगेल और आसपास के स्टेशनों के लोगों को इसी रास्ते से एशिया में रहने के लिए मजबूर किया जाता है।
इस गंभीर समस्या पर नजर पड़ी ग्राम सेवा समिति ने उठाया बड़ा कदम स्वच्छता अभियान। ब्रिज की सफाई के तहत रोहित उयके, कमलेश रेशमा, मनोज कुमार, लोकेश कुमार, पूर्व सरपंच शीला मरकाम समेत कई बच्चों ने मिलकर काम किया। समिति का कहना है कि यह प्रयास केवल आतिथ्य की सुरक्षा पर ध्यान देने का है, ताकि संभावना कम हो और लोगों को राहत मिले।
पंचायत और रेलवे विभाग से मांग की गई है कि ब्रिज के नीचे पानी विक्रेताओं की स्थायी व्यवस्था की जाए, नियमित सफाई की जाए और मार्ग को सुरक्षित बनाया जाए। स्थानीय वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द इलाज नहीं किया गया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।