भानुप्रतापपुर/ नदी में पुल नहीं, शिक्षा और जीवन दोनों संकट में, हुलघाट के ग्रामीणों की अनसुनी पुकार।

बस्तर टाइम्स के लिए श्रीदाम ढाली की रिपोर्ट
नदी में पुल नहीं, शिक्षा और जीवन दोनों संकट में, हुलघाट के ग्रामीणों की अनसुनी पुकार।
भानुप्रतापपुर, 27 जुलाई/ विकास की परिभाषा जब अधूरी योजनाओं में उलझ जाए, तो आमजन को हर दिन किसी ना किसी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक दर्दभरा उदाहरण है — दुर्गूकोंदल विकासखंड के अंतर्गत आने वाला ग्राम हुलघाट, जहाँ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्राम कोंडे से हुलघाट तक सड़क तो बना दी गई, लेकिन रास्ते में बहने वाली नदी पर आज तक पुल नहीं बनाया गया।
इस अधूरी योजना का खामियाजा हर मौसम, खासकर बरसात के समय ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। इसी सड़क से होते हुए ग्राम हुलघाट से करीब डेढ़ किलोमीटर दूरी पर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोंडे में प्रतिदिन 25 से 30 बच्चे पैदल नदी पार करके पढ़ने जाते हैं। लेकिन बरसात के मौसम में नदी उफान पर आ जाती है और बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। कई बार बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। पूर्व छात्र सुनील आचला, मेहतर मंडावी, देवसिंह आचला सहित ग्रामीण मानसू आचला रोजगार सहायक सचिव, दलसू आचला, श्यामसाय आचला और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि 5-6 साल बीत चुके हैं, लेकिन पुल निर्माण की ओर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। कई बार मौखिक शिकायतें और आवेदन भी दिए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बरसात के दिनों में जब नदी में बाढ़ आ जाती है, तो हुलघाट गांव से कोंडे या दुर्गूकोंदल जैसे कस्बों तक कपड़ा, राशन या इलाज के लिए जाना असंभव हो जाता है। यहां तक कि गर्भवती महिलाओं को अस्पताल नहीं ले जा पाते, जिससे मरीजों की मौत जैसी घटनाएं तक सामने आई हैं।
इस संबंध में जब जिला पंचायत सदस्य एवं आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष देवलाल नरेटी से बात की गई तो उन्होंने कहा ग्राम हुलघाट के ग्रामीण वर्षों से इस समस्या का सामना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण तो कर दिया गया है, लेकिन पुल नहीं बनाए जाने के कारण यह सड़क अधूरी है। यह शासन-प्रशासन की गंभीर लापरवाही है। बच्चों की शिक्षा, मरीजों की जान और ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी सबकुछ इस पुल पर टिका है। बरसात में हालात बेहद भयावह हो जाते हैं। मैं इस मुद्दे को जिला पंचायत की बैठक में प्रमुखता से उठाऊंगा और मुख्यमंत्री तथा संबंधित विभागों को ज्ञापन भेजकर तत्काल पुल निर्माण की मांग करूंगा। यदि प्रशासन समय पर कार्रवाई नहीं करता है, तो पार्टी और ग्रामीणों के साथ मिलकर बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा। आम आदमी पार्टी जनता की बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करती रही है और करती रहेगी। श्री नरेटी ने यह भी कहा कि वे शीघ्र ही ग्राम हुलघाट का दौरा करेंगे, वहां की स्थिति का जायज़ा लेकर स्थल निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करेंगे और संबंधित विभागीय अधिकारियों को सौंपेंगे।
नेताओं के चुनावी वादों से ग्रामीण निराश
ग्रामीणों ने बताया कि भाजपा और कांग्रेस के नेता केवल चुनावी मौसम में वोट मांगने आते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद पाँच साल तक झाँकने भी नहीं आते। जनता की तकलीफ़ें, जान जोखिम, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य सबकुछ सिर्फ वादों तक सिमट कर रह गया है।
प्रशासन और सरकार से माँग।
समस्त ग्रामवासियों की माँग है कि जल्द से जल्द नदी पर पुल का निर्माण कराया जाए, ताकि ग्रामीणों को सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिल सके। यह केवल एक सड़क या पुल का सवाल नहीं है, यह जीवन और शिक्षा से जुड़ा मुद्दा है।
गांवों में असली विकास तब माना जाएगा जब योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित न रह जाएं, बल्कि जमीन पर उनका समुचित और संपूर्ण क्रियान्वयन हो। हुलघाट के निवासियों की आवाज़ अब एक ठोस कार्रवाई की माँग करती है, ना कि चुनावी मंचों से दिए गए खोखले भाषणों की।