
पखांजुर अस्पताल से शाम ढलते ही डॉक्टर गायब: दुर्घटना के बाद 5 घायलों को इलाज नहीं, जनता ने उठाए सवाल
पखांजुर/ मंगलवार शाम करीब साढ़े सात बजे पखांजुर पुराना बाजार के पास हुए सड़क हादसे में ग्राम पी.व्ही. 22 के तीन व्यक्ति और पी.व्ही. 45 के दो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए, उन्हें आनन-फानन में स्थानीय नागरिकों द्वारा पखांजुर अस्पताल लाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि शाम होते ही सभी डॉक्टर अस्पताल से नदारद थे। अस्पताल में शाम ढलते ही डॉक्टरों के गायब होने के चौंकाने वाले मामले ने पूरे स्वास्थ्य महकमे की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार हादसे में घायल हुए 5 व्यक्तियों में से 3 की हालत गंभीर था। जिन्हें तत्काल इलाज की जरूरत थी। लेकिन दुर्भाग्यवस घायल मरीजों को न तो प्राथमिक उपचार मिला और न ही उन्हें हायर सेंटर रेफर किया जा सका क्योंकि रेफर करने के लिए भी कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। कुछ समय डॉक्टरों के इंतेजार करने के बाद जब डॉक्टर नही आए तो परिजनों ने स्थिति को देखते हुए स्वयं बाहर इलाज के लिए ले गए।
सिविल अस्पताल पखांजुर की बदहाली
मंगलवार शाम करीब 7:30 बजे पखांजुर-कांकेर मुख्य मार्ग पर दो मोटरसाइकिल सवारों के बीच जबरदस्त एक्सीडेंट हुआ। इस हादसे में वाहन सवार 5 लोग बुरी तरह घायल हो गए, जिनमें से तीन की हालत गंभीर थी। स्थानीय लोगों की त्वरित मदद से सभी घायलों को पखांजुर सिविल अस्पताल पहुँचाया गया। अस्पताल पहुँचते ही परिजनों और उपस्थित लोगों को यह देखकर गहरा सदमा लगा कि वार्डों में ड्यूटी पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। सिर्फ कुछ नर्सिंग स्टाफ ही थे जो घायलों की बढ़ती पीड़ा और खून बहने की स्थिति को संभालने में असमर्थ थे। घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार और आवश्यकतानुसार हायर सेंटर रेफर करने की जरूरत थी, लेकिन डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण यह संभव नहीं हो पाया। परिजनो ने घायलों को लेकर घंटों तक इंतजार करते रहे। लेकिन कोई डॉक्टर नहीं था जो उसे देख सके या रेफर लिख सके।
हॉस्पिटल की लापरवाही से जनता में रोष
इस घटना ने पखांजुर और आसपास के क्षेत्रों में जनता में गहरा रोष पैदा कर दिया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और डॉक्टरों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने की मांग की है। फिलहाल, सभी घायल मरीजों हालत स्थिर बताई जा रही है। लेकिन इस प्रकरण ने स्वास्थ्य विभाग की विश्वसनीयता पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
आप नेता ऋषिकेश ने BMO पर साधा निशाना
स्थानीय आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ऋषिकेश ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने बताया कि इस हादसे में मेरे भांजे भी घायल हुए। जब मैं अस्पताल पहुँचा तो स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मैं स्वयं कई बार ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर दिलीप सिन्हा को फोन किया। मैंने व्यक्तिगत रूप से BMO को कई बार फोन किया और उन्हें स्थिति से अवगत कराया। मैंने उनसे तुरंत किसी डॉक्टर को भेजने का आग्रह किया, क्योंकि घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता थी, जिस पर BMO ने कहा ठीक है किसी डॉक्टर को भेजता हूँ लेकिन रात 9:30 बजे तक कोई डॉक्टर अस्पताल आना सही नही समझा। बार-बार अनुरोध के बावजूद, रात 9:30 बजे तक कोई भी डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुँचना यह दिखाता है कि पखांजुर स्वास्थ्य विभाग कितना लापरवाह है और जनता के प्रति उनकी कितनी असंवेदनशीलता है। अगर किसी की जान चली जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता? ऋषिकेश ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस नेता रूपसिंह पोटाई ने कहा..
कांग्रेस नेता रूपसिंह पोटाई ने भी इस घटना को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह घटना छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति को दर्शाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं और सरकार सिर्फ खोखले वादे करती है। यह सीधे तौर पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है। दोषी डॉक्टरों पर उचित कार्यवाही होनी चाहिए।
शंकर सरकार, उपाध्यक्ष, नगर पंचायत पखांजुर ने कहा…
इस घटना को लेकर शंकर सरकार ने कहा कि ड्यूटी के समय डॉक्टरो की अनुपस्थित रहना गलत है। BMO से जानकारी लेकर कार्यवाही की मांग करेंगे।
डॉ. महेश शांडिया, जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा..
आपके माध्यम से घटना की जानकारी मिली है। घटना की जांच करवा कर जो भी दोषी पाया जाएगा। उस पर उचित कार्यवाही की जाएगी। इस तरह की घटना की शिकायत अगर लिखित में मिलती है तो BMO को हटा दिया जाएगा।
BMO डॉ. दिलीप सिन्हा ने कहा…
जब इस पूरे मामले को लेकर BMO से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उस समय डॉ. मल्लिक थे। उन्होंने ही प्राथमिक उपचार के बाद रेफर किए होंगे? फिर कहा मैं उनसे पूछ कर बताता हूँ रेफर कौन किए है? हालांकि, BMO यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि घायलों को कौन रेफर किए।