कांकेरभानुप्रतापपुर

भानुप्रतापपुर/ संयुक्त संचालक के संलग्नीकरण समाप्त करने के आदेश को ठेंगा दिखा रहे डीईओ, बीईओ।

संयुक्त संचालक के संलग्नीकरण समाप्त करने के आदेश को ठेंगा दिखा रहे डीईओ, बीईओ।

भानुप्रतापपुर। प्रदेश में युक्तियुक्तकरण के मामले ने तूल पकड़ा हुआ है, इस बीच शिक्षा विभाग के अफसरों ने एक बयान जारी कर बताया है कि युक्तियुक्तकरण से हजारों की संख्या में स्कूलों के बंद होने की बात कही जा रही है जो कि पूरी तरह से भ्रामक और तथ्यहीन है, स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है कि असलियत इससे बिलकुल अलग है, प्रदेश सरकार की ओर से जारी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का उद्देश्य किसी की पढ़ाई रोकना नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना है। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी जिले के कई शिक्षकों को कई स्कूलों में संलग्न कर रखे हैं। सरकार के आदेश को पालन करने के लिए संयुक्त संचालक जगदलपुर द्वारा संलग्नीकरण को समाप्त करने के कड़े निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारियों व स्कूलों के प्रधानाध्यापकों दिया गया है जिसके बावजूद सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल व स्थानीय खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षकों से मोटी रकम लेकर व अपने शिक्षकों को संलग्न करके रखे हुए है। पूरे जिला के स्कूलों में लगभग 100 से अधिक शिक्षक संलग्न होंगे। शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्थ करने के लिए सरकार लाख नियम बनाये लेकिन अधिकारियों के द्वारा सही क्रियान्वयन नही किये जाने से योजना सफल होने से पहले ही धराशाही हो जाती है, वर्तमान में शिक्षको के युक्तियुक्तकरण बड़ा उदाहरण है। बता दे कि वर्तमान में युक्तियुक्तकरण नियम के तहत शिक्षको को अतिशेष सूची निकाला गया जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारियों के द्वारा गलत तरीके से योग्य शिक्षको के सूची निकालते हुए उन्हें अतिशेष बताया गया एवं अपने करीबी शिक्षको को अधिकांश स्कूलों में संलग्न कर नाम छुपाने का काम किया गया। इन मामले में कांकेर जिला के भानुप्रतापपुर, दुर्गुकोंदल व अन्तागढ़ ब्लाक सुर्खियों में बना हुआ है। अंदुरुनी क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षकों को नगर से लगे स्कूलों में संलग्न किया गया है जिनके नाम को भी युक्तियुक्तकरण से छुपाया गया हैं। जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल को फोन के माध्यम से जानकारी लेने के लिए संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा।

शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल

दरअसल प्रदेश सरकार राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण यानि तर्कसंगत समायोजन कर रही है, इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत ज्यादा है, वहां संसाधनों और शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो, उन स्कूलों को जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीकी अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर उपलब्ध हो सके, इससे बच्चों को ज्यादा योग्य और विषय के हिसाब से विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे, शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में पहले गिनती के ही छात्र होते थे, वे अब पास के अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इस बदलाव से शिक्षा का स्तर सुधरेगा।

केश पहला :-

आसुलखार क्षेत्र के प्रधानपाठक को प्राथमिक शाला सलिहापारा भानुप्रतापपुर में संलग्न

आसुलखार से अंदर गांव के प्राथमिक शाला में पदस्थ प्रधानपाठक गंगा कोमरे को खंड शिक्षा अधिकारी के महेरबानी से प्राथमिक शाला सलिहापारा संलग्न किया गया है। जबकि इस स्कूल में प्रधानपाठक कुसुमलता शर्मा पहले से पदस्थ हैं एक स्कूल में दो प्रधानपाठक पदस्थ हैं पिछले कई सालों से, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के करीबी होने के कारण इन्हें सलिहापारा प्राथमिक स्कूल में संलग्न किया गया है। जबकि प्रधानपाठक को संलग्न करने का प्रावधान ही नही है।

केश दूसरा :-

प्राथमिक शाला हड़फड़ के शिक्षिका लेमेस खरे को साल्हे में संलग्न

शिक्षिका लेमेस खरे का मूल पदस्थापना प्राथमिक शाला हदफड़ हैं, जो दुर्गुकोंदल ब्लॉक के सुदूर अंचल हैं। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मोटी कमीशन खिला कर अपना प्राथमिक शाला साल्हे में संलग्न हैं।प्रधानपाठक रवि शंकर यादव ने बताया कि मेरे आने से पहले से शिक्षिका लेमेस खरे यहां पर संलग्न हैं। संलग्न शिक्षिका को रिलिब करने का अधिकार मेरा नहीं है खंड शिक्षा कार्यालय से बीईओ के द्वारा किया जाएगा, क्योंकि नहीं किया जा रहा है मेरे को पता नहीं।

तीसरा केश :-

कोंगेर स्कूल के शिक्षक आमाकड़ा में संलग्न

अन्तागढ़ ब्लॉक के शिक्षक रामकुमार जायसवाल माध्यमिक शाला कोंगेरा में मूल पदस्थापना हैं लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी के साथ साठगांठ कर माध्यमिक शाला आमाकड़ा में संलग्न कराया गया है। प्रधानाध्यापक बीएस कोमरा ने बताया की संलग्न शिक्षक को रिलिब करने का हमारे पास कोई आदेश नहीं आया है।अगर इस तरह अंदुरुनी क्षेत्र के शिक्षक नगर से लगे स्कूलों को संलग्न करवा रखेंगे तो अंदुरूनी क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था कैसे दुरुस्त होंगा। सरकार को इस पर एक्शन लेने की आवश्यकता है और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने की जरूरत है। ताकि भविष्य में दुबारा अइसे कृत्य नहीं किया जाए।

चौथा केश :-

सुलीपारा शिक्षिका अन्तागढ़ में संलग्न

अन्तागढ़ ब्लॉक के शिक्षिका मोनिका सोनी का मूल पदस्थापना प्राथमिक शाला सुलीपारा हैं लेकिन एक साल से अन्तागढ़ स्कूल में अपना संलग्न करवा रखी है। अधिकारियों के चाहते शिक्षकों के लिए कोई नियम कानून मायने नहीं रखता जहां चाहे वहां अपना अटैच करवा रहे हैं। अगर इसी तरह अवैया रहा था अंदुरूनी क्षेत्र के स्कूलों का शिक्षा व्यवस्था में कैसे सुधार होंगा। सरकार के आदेश को शिक्षा विभाग के अधिकारी ठेंगा दिखा रहे हैं।

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