
मक्का की फसल पूरी तरह से जमीन पर धराशायी, किसान चिंतित, अब क्या होगा?
पखांजुर/ परलकोट क्षेत्र में शुक्रवार शाम को अचानक आई तेज आंधी, मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। ग्राम पंचायत बलरामपुर में भी तेज आंधी और ओलावृष्टि से क्षेत्र के किसानों की मक्का फसल को भारी नुकसान हुआ है। लगभग पूरी फसल खेत में गिर गयी है। हवा के तेज झोंके के बीच हुई बारिश से मक्के की फसल खेतो में गिर गए हैं। किसान कानाई देवनाथ, दीपंकर हालदार, कमल बिस्वास, सत्यरंजन ढाली, गुणाधर बिस्वास आदि ने बताया कि मक्के की फसल में अभी दाना आया है। मक्के के पौधे टूट जाने से पूरा फसल बर्बाद हो गया है। पौधे गिर गए है, अब पौधे जल्दी सुख जाएंगे तो पैदावार खत्म हो जाएगी। इस नुकसान से किसानो की कमर ही टूट जाएगी। किसानों की खेती में लगी पूंजी डूबने की स्थिति में है। किसानों ने बताया कि शुक्रवार शाम को अचानक भारी मात्रा में ओलबृष्टि के साथ-साथ तेज आंधी चली। जिससे खेत में खड़ी मक्का की फसल पूरी तरह से जमीन पर धराशायी हो गया।
सबसे बड़ी समस्या फसल को प्राकृतिक आपदा से बचाना।
परेशान किसान ने बताया कि किसान के सामने सबसे बड़ी समस्या फसल को प्राकृतिक आपदा से बचाना। प्राकृतिक आपदा अमूमन उसी वक्त आता है जब मक्का में दाना आता है। बरसात के समय में भी धान का फसल जब पूर्ण से रुप से तैयार होता है तो बाढ़ की विभीषिका उन्हें अपने साथ बहा ले जाती है। तो वही रब्बी फसल को कभी ओला वृष्टि तो कभी तेज आंधी द्वारा फसल को घर लाने से पूर्व ही नुकशान कर दिया जाता है । आखिर किसान जाये तो जाये कहां। ओला वृष्टि से हुई क्षति से परेशान किसान ने यह भी बताया कि कहने को तो हर प्राकृतिक आपदा के बाद शासन-प्रशासन द्वारा जरूर सर्वे किया जाता है और सर्वे के बाद मिलने वाली मुआवजा से जुताई का पैसा नही होता है। यानी किसानों को हमेशा नुकसान ही सहना पड़ता है।