छत्तीसगढ़पखांजुर

पखांजुर/ धान खरीदी की समय सीमा में वृद्धि करने की मांग को लेकर AIKKMS ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा।

धान खरीदी की समय सीमा में वृद्धि करने की मांग को लेकर AIKKMS ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा।

पखांजुर/ ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने पंजीकृत किसानों की पूरी-पूरी मात्रा में धान बिक्री करने तक खरीदी केंद्र खुली रखने की समय सीमा में बृद्धि के मंग मुख्यमंत्री ,उप मुख्यमंत्री,कृषि मंत्री ,मुख्य सचिव,कृषि उत्पादन आयुक्त, संचालक आदि के नाम पर अनुविभागीय अधिकारी रा.पखांजुर कार्यालय में अधिकारी का अनुपस्थिति में लेखापाल के हाथों ज्ञापन सौपा।

ब्लॉक अध्यक्ष अजीत मिस्त्री, उपाध्यक्ष सुधिर मण्डल, सह सचिव जयंत सरकार,कोषाध्यक्ष महेश मण्डल आदि ने कहां है कि प्रत्येक धान खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य में धान/मक्का खरीदने हेतु शासन – प्रशासन द्वारा किसानों को पंजिकृत कर निर्धारित समय सीमा का लक्ष्य तय की गई है।परंतु खरिदी केन्द्रों में बारदाने की कमी, विभिन्न अनियमिताए एवं खरिदी केद्रों तमाम अव्यवस्था,प्राकृतिक आपदा, ऑपरेटरों की हड़ताल आदि कारणों से खरीदी केन्द्रों में किसानों कि फसले बिक्री करने में बहुत अधिक बाधाएं उत्पन्न होने के कारणों से किसानों ने सही समय पर धान बिक्री नहीं कर पाये है ।शासन – प्रशासन की खरीदने की तयशुदा निर्धारित समय खत्म हो जायेंगे ।और प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजारों किसान समर्थन मूल्य में फसल बिक्री करने का लाभ वंचित रहेंगे। खरीदी केन्द्र खुला रखने का नियमानुसार समस्याओं व नाजुक परिस्थितियों के चलते कई दिनों तक धान खरीदी केन्द्र में धान खरिद करना बंद रहा।धान खरीदी प्रारंभिक समय से महिनों प्रतिदिन की खरिद करने की लिमिट बहुत ही कम-कम मात्रा में खरिदने की शासन – प्रशासन द्वारा आदेशित होने के कारण किसान सही समय सीमा में किसान धान बेच नहीं पायें है । यानि सरकार का निर्धारित समय 31 जनवरी 2025 में समाप्त हो जायेंगे और तब दूसरी तरफ उद्योग पतियों द्वारा लागत मूल्य से कम से कम दाम पर किसानों के धान खरीद करेंगे। अब किसान मजबूरी में बाजारों में अधिक लागत की फसलें कम दाम पर बिक्री करने अन्नदाता मजबूर होंगे। और अन्नदाता किसान फसल बेच कर कर्जदार बनेंगे ।तमाम ऐसे कारणों से देश में कर्ज तले दबें किसान आत्महत्या की घटनाओं में बृद्धि हो रहा है।शासन – प्रशासन कि लापरवाही, गैरजिम्मेदाराना कदमों से चंद बर्षों में देश के पांच लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्याएं कर चुकी है।ऐसे कठिन समस्याओं की समाधान हेतु संगठन मांग किया है की समर्थन मूल्य में धान खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी समय सिमा में बृद्धि कीजाए और पंजीकृत समस्त किसानों कि धान / मक्का समर्थन मूल्य में खरीदी केंद्र में पूरी-पूरी मात्रा बिक्री करने तक खरीदी केंद्र खुली रखा जाए। * शासन-प्रशासन का नियम विरुद्ध खरिदी केन्द्रों में किसानों से सुखत मात्र में कटौती, माप तौल में नगद में वसूली बंद किया जाए।उन पर सख्त कार्यवाही की जाए।उक्त गंभीर समस्या का समाधान हेतु किसानों के हित में निर्णायक कदम उठाए जाए।* यूरिया खाद की बहुत अधिक कमि है जिससे खेतों की लहलहाती फसले बर्बादी के कागर पर है ।और असामाजिक तत्व द्वारा खाद की कीमतें बहुत ही अधिक में किसानों को खरीदने को मजबूर कर रहे है और अनावश्यक सामाग्री खरिने पर ही यूरिया गुप्त रुप से बिक्री कर रहे है। युद्धस्तर पर यूरिया खाद उपलब्ध कराये एवं सरकारी संस्थाओं के माध्यम से उचित मूल्य पर बिक्री करें। * चुनावी वादा एवं सरकार की घोषणानुसार समर्थन मूल्यों में धान प्रति क्यूंटल 3100 रुपये में एकमुश्त खरीदने एवं भुगतान करने की वादा किया गया था। परंतु लेट लतीफ प्रति क्यूंटल मात्र 2300/- रुपये भुगतान किया जा रहा है। प्रति क्यूंटल किसानों का धान बिक्री की राशि सही समयानुसार अंतर राशि के साथ भुगतान करे एवं किसानों का अंतर राशि जो बकाया है उसे तत्काल जमा किया जाए।आदि मांगे पूरी करने की अपील की है।

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