शिक्षा विभाग का कारनामा: विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए दूरबीन की आवश्यकता महसूस हुई।
कांकेर/ इन दिनों कांकेर जिला के प्रत्येक हाई स्कूल में प्री बोर्ड एग्जाम चल रही है। जिसमें प्री बोर्ड एग्जाम की प्रश्न पत्र इस बार जिला शिक्षा विभाग द्वारा प्रिंटिंग करवाया गया था। जिसमे आज जिला शिक्षा विभाग के प्रश्न पत्र को बिना जांच किए ही स्कूलों में विद्यार्थियों को बांट दिए गए, ज्ञात हो कि 20 जनवरी को 10वी क्लास की संस्कृत का प्रश्न पत्र था। उक्त परीक्षा हॉल में प्रश्न पत्र बंटे, तो जिला शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही देखने को सामने आई। आपको बता दे की संस्कृत विषय का प्रश्न पत्र के मुद्रित अक्षर इतना छोटा छपा की परीक्षार्थी पढ़ने में असहज महसूस कर रहे थे। जिससे कि परिक्षर्थियो को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उक्त संबंध में जब हमारे संवाददाता ने स्कूल के कुछ विद्यार्थियों से संपर्क किया तो उन्होंने संस्कृत प्रश्न पत्र के त्रुटियों के बारे में बताया। कुछ विद्यार्थियों का कहना था कि हमें अगर पूर्व में बताया जाता कि प्रश्न पत्र के अक्षर इतने छोटे एवं बरीख अंकित होंगे, तो हम परीक्षा हॉल में दूरबीन लेकर आते। उक्त गड़बड़ी के संबंध में शिक्षा विभाग को पता चला तो हड़कंप मच गया। अब प्रश्न यह है कि इस तरह के कार्य के लिए आखिर जिम्मेदार कौन? क्या विद्याथियों के साथ इस प्रकार का मजाक करना उचित है? प्रश्न यह है कि बिना जांच किये प्रश्न पत्र कैसे जिला शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में बांट दिए गए? आखिर इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर कब शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है यह देखना है? इसके पहले भी इस तरह की त्रुटियां देखने को मिली थी। जिससे विद्यार्थी भय क्रान्त है।
तिमाही और छमाही परीक्षा में भी दिखी थी खामिया।
जिले के स्कूलों में तिमाही और छमाही परीक्षा की प्रश्न पत्र में भी कई खामिया देखने को मिली थी। जिसके संबंध में शिक्षा विभाग अवगत था। ज्ञात हो कि विभाग के ही एक सक्षम अधिकारी ने नाम न छापने के शर्त पर हमारे संवाददाता को बताया कि तिमाही और छमाई परीक्षा में नवबोध और प्रबोध कुंजी से सीधे प्रश्न का सेट उठाया गया था। जिससे विद्यार्थियों में शिक्षा विभाग के खिलाफ काफी रोष है। वही इस तरह के कार्यो से विद्यार्थियों का शिक्षा विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह है कि विद्यार्थियों के साथ न्याय कब होगा? या फिर इस तरह की अनियमितताए को शिक्षा विभाग नजर अंदाज करेगी।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री अशोक पटेल से जब हमारे संवाददाता ने इस लापरवाही के संबंध में चर्चा किया तो उन्होंने बताया कि विषय विशेषज्ञों को पेपर बनाने का जिम्मा दिया गया था। उन्हें बुलाकर चैक कराया जा रहा है। जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर विभाग नियमानुसार कार्यवाही करेगा।
श्री अशोक पटेल, DEO, कांकेर