
छत्तीसगढ़ मितानिन (आशा) यूनियन संस्थागत प्रसव हेतु शासकीय अस्पताल ले जाने की प्रकरण का राशि भुगतान करने की मांग।
पखांजुर/ छत्तीसगढ़ मितानिन (आशा) यूनियन
संबंद्ध SWFI (AIUTUC) ने प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री नई दिल्ली, मुख्यमंत्री,स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ ,स्वास्थ्य संचालक,स्वास्थ्य सचिव ,कलेक्टर,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य,, अधिकारी ,डीपीएम के नाम पर अनुविभागीय अधिकारी रा. पखांजुर को संस्थागत प्रसव हेतु शासकीय अस्पताल ले जाने की प्रकरण का राशि भुगतान करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौपा। यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष मीरा मण्डल, उपाध्यक्ष गौरी मण्डल, सचिव लक्ष्मी नरेटी, सह सचिव सकुन मरकम आदि ने कहां है कि अत्यंत दुर्गम अति संवेदनशील क्षेत्र कोयलीबेड़ा ब्लॉक में कार्यरत है हम सभी मिततानिन। हम मितानिन (आशा) गर्भवती माता की प्रथम द्वितीय, तृतीय ,चौथा गर्भवती जांच शासकीय अस्पताल,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्रों आदि में प्रसव पूर्व समस्त प्रकार की जांच करवाने में समुचित सहयोग करते है। संस्थागत प्रसव हेतु कई बार एक अस्पताल से दुसरे, तिसरे अस्पताल आदि संस्थाओं में मिततानिनों को हितग्राहियों के साथ जाना होता है।क्योंकि हितग्राहियों के प्रसव पूर्व माहिनों तक देखभाल एवं अन्य सेवाएं मुहैया कराते है। गर्भवती की सेवा कार्य करने के साथ – साथ उनके परिवार से भी मानवीय आत्मीयता की संबंध हम मिततानिनों से स्थापित होती है। जिस कारण प्रसव प्रक्रिया दरमियान उनके साथ उपस्थित रहना हमारी आदर्श कर्तव्य महत्वपूर्ण योगदान में शामिल हो चुकी है। हम मिततानिन गर्भवती माता को नजदीक की उप- स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ,सिविल अस्पताल आदि संस्थानों तक ले जाते है। स्वास्थ्य संस्थानो में प्रसव पीड़ा दरमियान समस्त प्रकार की जांच किया जाता है। तत्पश्चात जच्चा-बच्चा का सेहत और सुरक्षा महत्वपूर्ण है। उक्त गंभीरता के मद्देनजर सुरक्षित प्रसव हेतु शासकीय अस्पताल से उच्च स्तरीय संस्था जहां सर्व सुविधा है। ऐसे अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। उस दरमियान कठिन दौर से गुजरने के पश्चात निजी अस्पताल में सिजेरियन या नर्मल प्रसव होते है। हम मिततानिन संस्थागत प्रसव हेतु शासकीय अस्पताल में हितग्राहियों को ले जाते है। ताकि हितग्राही को शासकीय अस्पताल में संस्थागत प्रसव सम्पन्न हो । गर्भवती माता की सेवा करने और प्रसव उत्तर सम्पन्न प्रक्रिया में कई बार पांच दिनों से एक हफ्तें तक उनके साथ रुकने परते है। वह प्रसव निजी अस्पताल में क्यों हुआ है। इसलिए संस्थागत प्रसव के लिए ले जाने पर भी (शासकीय अस्पताल) प्रति प्रकरण कि 300 रु राशि मिततानिन प्रशिक्षक उच्च अधिकारी के दिशानिर्देशनुसर उक्त प्रोत्साहन राशि भुगतान अमान्य कर देते है। इसलिए प्रधानमंत्री से लेकर उच्च अधिकारी तक यूनियन की ओर से मांग किया है कि अति संवेदनशील दुर्गम परिस्थितियों में 24 घंटे मुस्तैद रहकर हितग्राहियों की सेवा करना और शासकीय अस्पताल संस्थागत प्रसव हेतु हितग्राहियों को ले जाने का प्रोत्साहन राशि 300 रुपये पारिश्रमिक समस्त मिततानिनों (आशा) को भुगतान किया जाए।